Dwarkadhish Temple Gujarat : भगवान द्वारकाधीश का मंदिर क्यों इतना प्रसिद्ध है? जिसकी पदयात्रा पर निकले हैं अनंत अंबानी

Dwarkadhish Temple Gujarat : भगवान द्वारकाधीश का मंदिर क्यों इतना प्रसिद्ध है? जिसकी पदयात्रा पर निकले हैं अनंत अंबानी

Dwarkadhish Temple Gujarat

Dwarkadhish Temple: भगवान द्वारकाधीश का मंदिर, जिसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, गुजरात के द्वारका में स्थित एक प्राचीन और प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है. यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और हिंदू धर्म के चार धामों में से एक माना जाता है.​ माना जाता है द्वारका नगरी को खुद भगवान कृष्ण ने बसाया था, और यह स्थान उनकी लीलाओं से जुड़ा हुआ है. इसी मंदिर में जन्मदिन से पहले अनंत अंबानी भगवान द्वारकाधीश का आशीर्वाद लेने के लिए जामनगर से द्वारका तक की 140 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर रहे हैं. आइए जानते हैं उस मंदिर के बारे में जहां पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी 10 अप्रैल को अपना 30वां जन्मदिन भगवान द्वारकाधीश के दर्शन के साथ मनाएंगे. बताया जाता है अनंत अंबानी की भगवान द्वारकाधीश में गहरी आस्था है, और वे अपने जन्मदिन के अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करेंगे.

द्वारकाधीश के मंदिर की विशेषताएं

प्राचीनता और निर्माण

भगवान द्वारकाधीश का मंदिर हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है और यह भगवान कृष्ण को समर्पित है. यह मंदिर गुजरात राज्य के द्वारका शहर में स्थित है.माना जाता है कि इस मंदिर का मूल निर्माण भगवान कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने लगभग 2,500 वर्ष पूर्व कराया था. वर्तमान संरचना 15वीं-16वीं शताब्दी में विस्तारित की गई थी.​

अनूठी वास्तुकला

यह मंदिर अपनी भव्यता और सुंदर नक्काशी के लिए जाना जाता है. मंदिर का शिखर 78.3 मीटर ऊंचा है और इस पर एक विशाल ध्वजा हमेशा लहराता रहता है. मंदिर पांच मंजिला है, जो 72 स्तंभों पर आधारित है. इसका शिखर 78.3 मीटर ऊंचा है, और यह चूना पत्थर से निर्मित है, जो आज भी अपनी प्राचीन स्थिति में है.​

ध्वज परिवर्तन

मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज सूर्य और चंद्रमा को दर्शाता है, जिसे दिन में पांच बार बदला जाता है, लेकिन प्रतीक समान रहता है.​

पौराणिक महत्व

मान्यता है कि यह मंदिर उस स्थान पर बना है जहां भगवान कृष्ण ने द्वारका नगरी बसाई थी. यह मंदिर लगभग 2500 साल पुराना माना जाता है.यह मंदिर अपनी भव्यता और सुंदर नक्काशी के लिए जाना जाता है. मंदिर का शिखर 78.3 मीटर ऊंचा है और इस पर एक विशाल ध्वजा हमेशा लहराता रहता है.

द्वारकाधीश मंदिर का धार्मिक महत्व

यह मंदिर वैष्णव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. यहां हर साल जन्माष्टमी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.
मान्यता है कि द्वारका यात्रा का पूरा फल तभी मिलता है जब आप बेट द्वारका की यात्रा करते हैं. द्वारकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बाद धनकाना लुटाने की अनोखी परंपरा है, जिसके लिए ये मंदिर प्रसिद्ध है. यहां धनकाना लुटाने की परंपरा कई बर्षो से चलन में है. यह परंपरा हर साल जन्माष्टमी के एक दिन पहले भगवान कृष्ण जन्म की खुशी के रूप में मनाई जाती है. यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय कला और संस्कृति का भी एक अनुपम उदाहरण है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *