Ayushman Bharat Yojana : आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) से यदि आप भी इलाज करवाते हैं तो यह खबर आपके लिए खास है. जी हां…देशभर में 600 से अधिक प्राइवेट हॉस्पिटल ने योजना से अपनी भागीदारी समाप्त कर दी है. इनमें गुजरात के 233 हॉस्पिटल का नाम शामिल है. इसके अलावा केरल के 146 और महाराष्ट्र के 83 हॉस्पिटल ने भी योजना से अपना नाम वापस ले लिया है. इस हॉस्पिटल का कहना है कि कम भुगतान दरें और भुगतान में देरी के कारण उनके लिए इस योजना के तहत काम करना मुश्किल हो रहा है. medicaldialogues.in ने इस संबंध में खबर प्रकाशित की है.
PMJAY से बाहर निकलने वाले राज्यवार हॉस्पिटल
गुजरात: 233 हॉस्पिटल
केरल: 146 हॉस्पिटल
महाराष्ट्र: 83 हॉस्पिटल
पंजाब: 40 हॉस्पिटल
छत्तीसगढ़: 30 हॉस्पिटल
पिछले कुछ वर्षों में इस योजना से प्रइवेट हॉस्पिटल के हटने की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में सबसे अधिक संख्या में हॉस्पिटल इस योजना से बाहर निकले, जिसमें 174 हॉस्पिटल का नाम शामिल है. 2024-25 में अब तक 41 अस्पताल इस योजना से बाहर निकल चुके हैं.
हर साल कितने हॉस्पिटल ने बंद की सेवा
2019-20: 83 हॉस्पिटल
2020-21: 42 हॉस्पिटल
2021-22: 151 हॉस्पिटल
2022-23: 118 हॉस्पिटल
2023-24: 174 हॉस्पिटल
2024-25: 41 हॉस्पिटल (अब तक)
आयुष्मान भारत योजना के तहत सेवाएं बंद क्यों?
हरियाणा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राज्य इकाई ने फरवरी में ऐलान किया था कि 600 प्राइवेट हॉस्पिटल ने आयुष्मान भारत योजना के तहत सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें 400 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं मिला था. पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी प्राइवेट हॉस्पिटलों और नर्सिंग होम एसोसिएशनों ने इसी तरह की शिकायतें की हैं.
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य क्या है?
आयुष्मान भारत योजना को 23 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था. योजना को लागू करने के लिए झारखंड की राजधानी रांची को चुना गया. योजना गरीब और कमजोर परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा देती है. योजना में शुरू में करीब 10.74 करोड़ गरीब और कमजोर परिवार को शामिल किया गया था.
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इसके बाद जनवरी 2022 में लाभार्थी आधार को संशोधित कर 55.0 करोड़ लोगों या 12.34 करोड़ परिवारों तक इसे पहुंचाया गया था. केवल 2024 में, इस योजना का विस्तार करके 37 लाख आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इसमें जोड़ा गया. इनके परिवार को को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा लाभ के लिए सरकार ने कवर किया गया.