Chaiti Chhath 2025 Kharna: चैती छठ: खरना के साथ आज होगी 36 घंटों के निर्जला व्रत की शुरुआत, जानें पूजा विधि, सामग्री और नियम

Chaiti Chhath 2025 Kharna: चैती छठ: खरना के साथ आज होगी 36 घंटों के निर्जला व्रत की शुरुआत, जानें पूजा विधि, सामग्री और नियम

चैती छठ: खरना के साथ आज होगी 36 घंटों के निर्जला व्रत की शुरुआत, जानें पूजा विधि, सामग्री और नियम

Chhath Puja 2025 Kharna Samagri List: 1 अप्रैल से चैती छठ की शुरूआत हो चुकी है और आज खरना किया जाएगा है. खरना के बाद ही छठ का 36 के निर्जला व्रत की शुरुआत हो जाती है. इस व्रत का समापन ऊषा अर्घ्य के बाद किया जाता है. खरना खरना का अर्थ है शुद्धिकरण. इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और छठी मैया के लिए प्रसाद तैयार करती हैं. खरना के अवसर पर गुड़ की खीर बनाने की परंपरा है, जिसे मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है. फिर विधिवत सूर्यदेव की पूजा करने से बाद व्रत करने वाले लोग इस गुड़ की खीर और रोटी ग्रहण करती हैं और इस प्रसाद को लोगों में बांटा जाता है.

खरना की पूजा सामग्री| Chhath Puja 2025 Kharna Samagri List

खरना का प्रसाद रखने के लिए बांस की दो बड़ी-बड़ी टोकरियां, बांस या फिर पीतल का सूप, एक लोटा (दूध और जल अर्पण करने के लिए), एक थाली, पान, सुपारी, चावल, सिंदूर, घी का दीपक, शहद , धूप या, अगरबत्ती, शकरकंदी, सुथनी गेहूं, चावल का आटा, गुड़, ठेकुआ, व्रती के लिए नए कपड़े, 5 पत्तियां लगे हुए गन्ने, मूली, अदरक और हल्दी का हरा पौधा, बड़ा वाला नींबू, फल-जैसे नाशपाती, केला और, शरीफा, पानी वाला नारियल और मिठाइयां.

- हनुमान जयंती पर करें इन खास मंत्रों का जाप, जीवन का हर संकट होगा दूर!

खरना की पूजा विधि | Chhath Puja 2025 Kharna Puja Vidhi

चैती छठ के दूसरे दिन खरना की पूजा के लिए सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. फिर शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर चावल, गुड़ और दूध मिलाकर खीर तैयार करें. उसके बाद सबसे पहले विधि-विधान से पूजा करने के बाद छठ माता को भोग लगाएं. अंत में व्रती को प्रसाद ग्रहण करें और बाकी लोगों में प्रसाद बांटे.

खरना के नियम |Chhath Puja 2025 Kharna Puja Niyam

छठ महापर्व के खरना में साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए. प्रसाद के रोज के भोजन से अलग रखें. छठ महापर्व के दौरान भूलकर भी लहसुन और प्याज का सेवन ना करें. छठ का व्रत करने वाले लोगों को इस दौरान पलंग या चारपाई पर नहीं बल्कि जमीन पर चादर या कोई अन्य साफ कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए. व्रती को सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण करें.

- धन लाभ के लिए नवरात्रि में तुलसी पर क्या चढ़ाना चाहिए?

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *