
कर्नाटक के मैसूर जिले से एक असाधारण और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 2 साल पहले पुलिस ने सुरेश नाम के जिस व्यक्ति को अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। अब वही महिला कोर्ट में जज के सामने हाजिर हो गई। अदालत ने जिला SP को इस केस को लेकर जांच में लापरवाही बरतने वाले सभी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
दो साल जेल में रहा पति
निर्दोष सुरेश, जिसने पुलिस की लापरवाही और गलत जांच के चलते दो साल जेल में बिताए अब उसे रिहा कर दिया गया है। ये घटना कर्नाटका के कोडगु जिले की है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
2020 में महिला हो गई थी लापता
सुरेश और मल्लिगा, कोडगु के कुशालनगर तालुका के बसवनहल्ली गांव में शादी शुदा जिंदगी बिता रहे थे। दो बच्चों के बावजूद मल्लिगा का दिनेश नाम के युवक के साथ विवाहेतर संबंध था। साल 2020 में वह अचानक लापता हो गई। सुरेश ने कुशालनगर पुलिस थाने में पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पति से कराई जबरन शव की पहचान, भेज दिया जेल
कुछ समय बाद प्रियपटना तालुका के पेट्टाडापुरा के पास एक महिला का शव मिला। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । पुलिस को संदेह हुआ कि वह मल्लिगा का शव है। सुरेश से जबरन शव की पहचान करवाई गई। पुलिस ने मान लिया कि मल्लिगा की हत्या हुई है। कातिल के रूप में मिसिंग कंप्लेंट देने वाले पति सुरेश को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
पिता ने लड़ी कानूनी लड़ाई
दो साल बाद कहानी ने चौंकाने वाली करवट ली, जो काम पुलिस नहीं कर पाई वो काम सुरेश के पिता गांधी ने किया। अपने बेटे को निर्दोष साबित करने के लिए दिन-रात मेहनत की। वकीलों से मिले और केस लड़ा। एक दिन उन्हें जानकारी मिली कि मल्लिगा दिनेश के साथ एक होटल में देखी गई है, वकीलों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
कोर्ट के सामने पेश हुई महिला
मजबूर होकर वकील पांडु पुजारी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर 1 अप्रैल को पुलिस ने मल्लिगा को मडिकेरी के एक होटल से हिरासत में लिया और कोर्ट के सामने पेश किया। मल्लिगा ने कहा कि वो प्रेमी दिनेश के साथ जीवन बिताना चाहती थी। इसीलिए बिना बताए पति सुरेश और 2 बच्चों को छोड़कर भाग गई।
पुलिस अधिकारियों से पूछताछ
मल्लिगा के जीवित लौटने के बाद अब मामला फिर से खुल चुका है। मल्लिगा, दिनेश और जांच में शामिल पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। मैसूरु की 5वीं जेएमएफसी अदालत ने 17 अप्रैल तक इस पूरे मामले की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।