बार-बार KYC का झंझट खत्म! CKYC कार्ड से सबकुछ होगा आसान, जानें कैसे बनवाएं

CKYC Card: बार-बार KYC का झंझट खत्म! CKYC कार्ड से सबकुछ होगा आसान, जानें कैसे बनवाएं

सेंट्रल केवाईसी (CKYC) प्रणाली वित्तीय संस्थानों के लिए एक अभिनव कदम है, जो ग्राहक की “Know Your Customer” (KYC) प्रक्रिया को एकीकृत और अधिक सुविधाजनक बनाता है। इससे बार-बार केवाईसी डाक्यूमेंट्स जमा करने की समस्या को समाप्त किया जाता है, जिससे ग्राहक और संस्थानों दोनों को ही सुविधा होती है। CKYC का उद्देश्य वित्तीय संस्थानों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान सरल और तेज बनाना है, जिससे पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलेस हो सके।

CKYC कार्ड कैसे बनता है?

CKYC सिस्टम को भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है, जिससे कस्टमर्स को बार-बार KYC कराने से राहत मिलती है। इस प्रक्रिया में एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद, ग्राहक को एक यूनिक CKYC नंबर प्रदान किया जाता है, जिसे वह किसी भी वित्तीय संस्थान से जुड़ने पर आसानी से उपयोग कर सकते हैं। इसके तहत ग्राहक को अपना KYC डॉक्युमेंट फिर से सबमिट नहीं करना पड़ता।

जब ग्राहक CKYC प्रक्रिया से गुजरते हैं, तो उनका पूरा डेटा एक केंद्रीय डेटाबेस में सुरक्षित रूप से स्टोर हो जाता है, जिसे CERSAI (Central Registry of Securitisation and Asset Reconstruction) द्वारा मॉनिटर किया जाता है। इस प्रणाली के तहत, यदि ग्राहक भविष्य में किसी अन्य वित्तीय सेवा के लिए आवेदन करते हैं, तो संस्थान को पहले से सत्यापित जानकारी मिल जाती है, जिससे पूरा प्रक्रिया तेज और कागजी कार्यवाही से मुक्त हो जाती है।

CKYC रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: क्या है कदम?

सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक आसान तरीका पेश किया गया है।

  1. ग्राहक सबसे पहले CKYC आवेदन फॉर्म किसी भी भागीदार वित्तीय संस्थान या KYC पंजीकरण एजेंसी (KRA) से प्राप्त कर सकते हैं।
  2. आवेदन करने वाले व्यक्ति को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं:
    • पहचान प्रमाण (Proof of Identity): आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, या वोटर आईडी।
    • पता प्रमाण (Proof of Address): बिजली का बिल, किरायानामा या कोई सरकारी दस्तावेज़ जिसमें पते का उल्लेख हो।
    • फोटोग्राफ: पासपोर्ट आकार की फोटो।
  3. दस्तावेज़ों की सत्यापन प्रक्रिया वित्तीय संस्थान या KRA द्वारा की जाती है। यह सत्यापन व्यक्तिगत सत्यापन (In-Person Verification) या इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन (eKYC) के माध्यम से किया जा सकता है।
  4. सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, ग्राहक को 14 अंकों का यूनिक KYC पहचान नंबर (KIN) SMS या ईमेल के माध्यम से भेजा जाता है। यह नंबर भविष्य में विभिन्न वित्तीय सेवाओं के लिए उपयोग किया जा सकता है।

CKYC के लाभ

CKYC प्रणाली न केवल ग्राहकों के लिए बल्कि वित्तीय संस्थानों के लिए भी कई लाभ लेकर आती है:

  1. एक बार CKYC पंजीकरण होने के बाद, ग्राहकों को विभिन्न बैंक या वित्तीय संस्थानों में बार-बार KYC प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होती।
  2. CKYC के माध्यम से ग्राहक की जानकारी एक केंद्रीय डेटाबेस में स्टोर हो जाती है। CERSAI के जरिए यह जानकारी वित्तीय संस्थानों को आसानी से उपलब्ध होती है, जिससे कागजी कार्यवाही कम होती है और सत्यापन की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
  3. ग्राहक जब चाहें अपनी केवाईसी जानकारी को अपडेट कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें पूरे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को फिर से पूरा करने की आवश्यकता नहीं होती।
  4. CKYC की प्रक्रिया से कागजी दस्तावेजों का आदान-प्रदान कम हो जाता है और सत्यापन समय में कमी आती है, जिससे ग्राहकों को तेज़ी से सेवा मिलती है।
  5. ग्राहकों को हर बार KYC करने की आवश्यकता नहीं होने के कारण कागजी कार्यवाही भी कम हो जाती है, जिससे यह पूरी प्रक्रिया और भी आसान बन जाती है।

कैसे करें CKYC रजिस्ट्रेशन और डाउनलोड करें CKYC कार्ड

अगर आप भी CKYC प्रक्रिया से गुजरना चाहते हैं और अपना CKYC कार्ड डाउनलोड करना चाहते हैं, तो इसके लिए नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से आप रजिस्ट्रेशन, लॉग इन और कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिससे आपको अपनी सुविधा के अनुसार इसे पूरा करने की सुविधा मिलती है।

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