The Filmy Hustle: सेंसर सर्टिफिकेट के बाद भी होता है हल्ला, सेंसरशिप पर क्या बोले प्रोड्यूसर्स..

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री बीते कुछ साल से संकट के दौर से गुजर रही है और फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर रही हैं। चंद फिल्में ही कमाई के मामले में अपना नाम कमा पाती हैं। लेकिन ज्यादातर फिल्में फ्लॉप हो रही हैं। इंडिया टीवी के एक्सक्लूसिव पॉडकास्ट ‘द फिल्मी हसल’ में बॉलीवुड के 2 दिग्गज प्रोड्यूसर्स मुराद खेतानी और सिद्धार्थ रॉय कपूर ने मूवी बनाने के पीछे की कहानियां बताई हैं। जिसमें दोनों प्रोड्यूसर्स ने बताया कि क्यों साउथ की कहानियां बॉलीवुड फिल्मों पर भारी पड़ रही हैं। साथ ही कई तरह की मैलप्रेक्टिसेस पर भी बात की। इसके साथ ही दोनों प्रोड्यूसर्स ने बताया कि कुछ चीजें नियमों के तौर पर सुधार मांग रही हैं। सिद्धार्थ रॉय कपूर ने कहा कि नियमों में अगर ऐसा हो जाए कि एक बार सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया तो उसके बाद विवादों को हवा नहीं मिलनी चाहिए।

फिल्मों के रिलीज से पहले नियमों पर की बात

जब सिद्धार्थ रॉय कपूर से पूछा गया कि आप नियमों में कुछ बदलाव चाहते हैं जो आपके प्रोडक्शन को बेहतर कर सके और फिल्मों के लिए हेल्प हो सके। इसके जवाब में सिद्धार्थ रॉय कपूर बताते हैं, ‘अगर ऐसा हो जाए कि सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने के बाद फिल्मों को लेकर कोई विवाद न हो। अगर ऐसा होता है तो प्रोड्यूसर्स को इसके लिए हेल्प मिले। क्योंकि विवादों के बाद जब बयानबाजी शुरू होती है तो उससे लोग सिनेमाघरों में जाने का फैसला बदल लेते हैं। जिसका बिजनेस पर बुरा असर पड़ता है। क्योंकि कुछ लोग ऐसा करते हैं कि अटेंशन के लिए ही विवाद खड़ा कर देते हैं और छोटे ग्रुप्स को इसका फायदा होता है। क्योंकि ये प्रोड्यूसर्स के लिए काफी अहम समय होता है। इसलिए इसका नुकसान भारी हो सकता है। हालांकि सेंसरशिप में काफी सुधार आया है लेकिन समय के साथ और भी होते रहेंगे।’

कैसे स्क्रिप्ट का चुनाव करते हैं मुराद खेतानी?

इसका जवाब देते हुए बॉलीवुड प्रोड्यूसर मुराद खेतानी ने कहा, ‘सबसे पहले यह देखना होगा कि कौन किस जॉनर में बेस्ट है, तो चलिए बेस्ट से शुरुआत करते हैं। सबसे पहले डायरेक्टर को ऑन बोर्ड आना चाहिए। डायरेक्टर के बाद हम एक्टर्स और बाकी लोगों से संपर्क करते हैं। इन सबके बाद आप बजट तय करते हैं। जब डायरेक्टर और एक्टर्स ऑन बोर्ड आ जाते हैं, तब समझ में आता है कि आपकी रिकवरी क्या होगी। इसी आधार पर बजट तय होता है। हां, फिल्मों में रिस्क तो होता ही है, लेकिन यह कैलकुलेटेड रिस्क होता है। इसके बाद हम कहानी पर काम शुरू कर देते हैं।’

फिल्में बनाने के पीछे की बताई कहानियां

सिद्धार्थ रॉय कपूर और मुराद खेतानी ने फिल्मों के बनने के पीछे की कहानियां और उनकी चुनौतियों पर भी चर्चा की। जिसमें उन्होंने शेयर किया कि क्यों बॉलीवुड फिल्में साउथ की कहानियों से पिछड़ रही हैं। साथ ही अपनी कई बीती फिल्मों के किस्से भी शेयर किए हैं। जिनमें अर्जुन कपूर की फिल्म ‘मुबारकां’ के प्रोड्यूसर मुराद खेतानी ने बताया कि कैसे फिल्म का बजट 7 करोड़ रुपये था जो अंत में 70 करोड़ पहुंच गया था। इसके साथ ही बॉलीवुड में वर्तमान परिस्थितियों को लेकर भी खुलकर बात की। पूरा इंटरव्यू डिटेल में देखने के लिए इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल पर जा सकते हैं।

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