फीस बढ़ोत्तरी विवाद के बीच निजी स्कूलों का ऑडिट कराने का हुआ फैसला

AAP: दिल्ली में निजी स्कूलों के फीस बढ़ोतरी मामले को लेकर सियासत तेज हो गयी है. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार बनने के बाद निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं. निजी स्कूल फीस में मनमानी वृद्धि कर आम लोगों को परेशान करने का काम कर रहे हैं और दिल्ली सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. आम आदमी पार्टी के आरोप पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने पलटवार किया है. आशीष सूद ने कहा कि सरकार की  प्राथमिकता निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाना है.

सरकार किसी कीमत पर शिक्षा का व्यवसायीकरण स्वीकार नहीं करेगी. सरकार ने दिल्ली के सभी 1677 प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कराने का फैसला लिया है. एसडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की टीम ऑडिट कर 10 दिन में शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर डेटा पोस्ट करेगी. साथ ही दिल्ली सरकार यह पता लगाएगी कि पिछले 10 साल में निजी स्कूलों ने कितनी फीस बढ़ाई है. स्कूलों की मनमानी पर अभिभावक पर शिकायत कर सकते है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि आप सरकार के नेता क्या भ्रष्टाचार में लिप्त थे. अब बेरोजगार हो गए हैं तो हम पर आरोप लगा रहे हैं. 

दिल्ली की जनता ने सिखाया सबक

आम आदमी पार्टी के आरोप पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि मनीष सिसोदिया को आरोप लगाने की बजाय सबूत लेकर मामला दर्ज कराना चाहिए. अगर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लिए अच्छा काम किया होता तो जनता सत्ता से बाहर नहीं करती. दिल्ली में 1677 स्कूल हैं, जिसमें 375 सरकारी जमीन पर हैं और इन्हें फीस बढ़ाने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है. सरकार यह जांच करायेगी कि पहले कौन कौन रिश्वत लेता था. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर फीस बढ़ोत्तरी के मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है.

पत्र में आतिशी ने लिखा है कि शिक्षा के व्यवसायीकरण को अनुमति नहीं दी जा सकती है. निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं और अभिभावकों से कह रहे हैं कि बढ़ी फीस जमा करें नहीं तो बच्चे का नाम काट दिया जायेगा. कई अभिभावक फोन कर फीस बढ़ोत्तरी रोकने की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों की परेशानी को देखते हुए सरकार तत्काल कार्रवाई करे.

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