
निर्जला एकादशी 2025
Nirjala Ekadashi 2025 Kab hai: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर श्रीहरि विष्णु के निमित्त व्रत करने का विधान है. सभी एकादशी में ज्येष्ठ माह की एकादशी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है, जिसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है.
धार्मिक मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. साथ ही, व्यक्ति को लंबी आयु और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल 2025 में निर्जला एकादशी व्रत कब है और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में.
2025 में निर्जला एकादशी व्रत कब है? (Nirjala Ekadashi 2025 date)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 6 जून को रात 2:15 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 7 जून को सुबह 4:47 मिनट पर होगा. ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 6 जून को रखा जाएगा. एकादशी व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में किया जाता है. ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत का पारण 7 जून को किया जाएगा.
निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त 2025 (Nirjala Ekadashi 2025 time)
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:02 मिनट से 04:42 मिनट .
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02:39 मिनट से 03:35 मिनट .
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 07:16 मिनट से 07:36 मिनट .
- निशिता मुहूर्त – रात 12 बजे से 7 जून को तड़के रात 12:40 मिनट .
निर्जला एकादशी व्रत के लाभ (Nirjala ekadashi vrat benefits)
ऐसा माना जाता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
धार्मिक मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्ति की होती है.
निर्जला एकादशी का व्रत करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है.
निर्जला एकादशी के दिन अन्न और धन का दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और तिजोरी हमेशा भरी रहती है