

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर एलान और चीन के जवाबी कदमों ने दुनियाभर के बाजारों में तबाही मचा दी है. पिछले दो दिनों से अमेरिकी और एशियाई बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिसे कोविड के बाद की सबसे बड़ी गिरावट बताया जा रहा है. शुक्रवार को अमेरिकी बााजरो में भारी बिकवाली दिखी और एशिया के सभी बाजारों की हालत खराब है.
एशिया के बाजारों में आज 8% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है. GIF Nifty करीब 900 अंक नीचे है. एक समय पर पर गिफ्ट निफ्टी में 1,000 अंकों से ज्यादा की गिरावट थी.
जापान के बाजार में लोअर सर्किट
एशियाई बाजारों में 8% तक की गिरावट देखी गई. गिफ्ट निफ्टी, जो भारत के सेंसेक्स और निफ्टी के रुझान को दर्शाता है, करीब 900 अंक नीचे चला गया. हॉन्ग कॉन्ग का बााजर 10% तक फिसला है. शंघाई का बाजार 5% नीचे खुला. सिंगापुर और जापान के बाजारों में 8% से ज्यादा की गिरावट दिख रही है. जापान के निक्केई फ्यूचर्स में लोअर सर्किट लगने से ट्रेंडिंग बंद कर दी गई है.
अमेरिकी बाजारों में भी हालात खराब हैं. डाओ फ्यूचर्स 1000 अंक नीचे गिरा, जबकि एसएंडपी फ्यूचर्स और नैस्डैक फ्यूचर्स 3% तक नीचे हैं. पिछले 2 दिनों में अमेरिकी बाजारों में भारी नुकसान हुआ है, जिसके आंकड़े इस प्रकार हैं:
इंडेक्स गिरावट (पिछले 2 दिन)
डाओ जोन्स -4,000 अंक
S&P 500 -600 अंक
नैस्डैक -2,000 अंक
रसेल 2000 -622 अंक
अमेरिकी निवेशकों के 5 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 420 लाख करोड़ रुपये) डूब गए हैं. डाओ 2% और नैस्डैक 300 प्वाइंट अपने 52 हफ्तों के निचले स्तर से दूर हैं, जबकि रसेल 2000 मंदी की स्थिति में पहुंच गया है. डॉलर इंडेक्स 103 पर फिसल चुका है. अमेरिका में 10-साल का यील्ड 3.98% पर है.
तेल और सोने-चांदी में गिरावट
टैरिफ की जंग से कच्चा तेल भी प्रभावित हुआ. ब्रेंट क्रूड अप्रैल 2021 के बाद पहली बार 64 डॉलर से नीचे 63.03 डॉलर पर पहुंच गया. WTI क्रूड भी 61 डॉलर से नीचे कारोबार कर रहा है. पिछले 4 दिनों में तेल की कीमतें 16% से ज्यादा गिर चुकी हैं. सोना और चांदी भी प्रभावित हुए. सोना COMEX पर 3000 डॉलर से नीचे फिसल गया, जो एक महीने का निचला स्तर है. चांदी 4 महीने के निचले स्तर 30 डॉलर से नीचे पहुंच गई.
ट्रंप का टैरिफ और चीन का जवाब
ट्रंप ने कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए, जिसके जवाब में चीन ने भी सख्त कदम उठाए. चीन ने अमेरिकी आयात पर 34% टैरिफ लगाने का एलान किया, जो 10 अप्रैल से लागू होगा. इसके अलावा 7 रेयर अर्थ मिनरल्स पर रोक लगाया है. CT X-ray ट्यूब की एंटी-डंपिंग जांच शुरू कर दी है. चीन ने 2 अमेरिकी कंपनियों के पोल्ट्री प्रोडक्ट्स पर रोक लगाई है. 11 अमेरिकी डिफेंस कंपनियों को गैर-भरोसेमंद लिस्ट में डाला है. 16 अमेरिकी कंपनियों पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लगाया है. ज्वार के आयात पर भी रोक लगाई है.
ट्रंप की प्रतिक्रिया
चीन के इन कदमों से ट्रंप नाराज हो गए. उन्होंने कहा, “चीन ने गलत कदम उठाया है, ये उन्हें भारी पड़ेगा.” ट्रंप ने टैरिफ पर पीछे हटने से इनकार करते हुए कहा, “मैं नहीं चाहता कि बाजार गिरे, लेकिन कभी-कभी कड़वी दवा पीनी पड़ती है. फार्मा पर जो टैरिफ लगेगा, लोग सोच भी नहीं सकते.”
फेडरल रिजर्व पर ट्रंप का हमला
ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “अब ब्याज दरों में कटौती का सही वक्त है, पॉवेल को पॉलिटिक्स बंद करनी चाहिए.” जवाब में पॉवेल ने कहा, “ट्रंप के टैरिफ से महंगाई बढ़ेगी और ग्रोथ गिरेगी. मौद्रिक नीति पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी.”
अमेरिका और दुनिया में विरोध
अमेरिका में ट्रंप के टैरिफ का भारी विरोध हो रहा है. मशहूर निवेशक वॉरेन बफेट ने कहा, “मैं ट्रंप के टैरिफ का समर्थन नहीं करता.” अमेरिका में ट्रंप और एलन मस्क के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. हांगकांग ने कहा कि ये टैरिफ ग्लोबल ट्रेड के लिए खतरा हैं. दुनियाभर में भी ट्रंप के इस कदम से नाराजगी बढ़ रही है.