अगर आप नैनीताल घुमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको इन मंदिरों में के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. क्योंकि नैनीताल के रास्ते में कई ऐसे मंदिर पड़ते हैं. जिनके दर्शन करने से लोगों के मन को शांति मिलती है और सभी कमानाएं भी पूरी होती हैं. नैनीताल की यात्रा के दौरान इन मंदिरों का दर्शन करना न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करेगा बल्कि आपको इस खूबसूरत क्षेत्र की संस्कृति और इतिहास को भी करीब से जानने का अवसर मिलेगा. प्रत्येक मंदिर का अपना अनूठा महत्व और सुंदरता है, जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देगा.
नैना देवी मंदिर
नैना देवी मंदिर नैनीताल के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है. यह देवी नैना देवी (मां शक्ति का स्वरूप) को समर्पित है और इसे भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. किंवदंतियों के अनुसार, इसी स्थान पर देवी सती के नेत्र (या “नैना”) गिरे थे. मंदिर नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है और यहां से झील का मनोरम दृश्य दिखाई देता है, जो आध्यात्मिक अनुभव को और भी खास बना देता है. नंदा अष्टमी के दौरान यहां भव्य मेला लगता है.
हनुमानगढ़ी
हनुमानगढ़ी मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, जो अपनी शक्ति और भगवान राम के प्रति भक्ति के लिए जाने जाते हैं. 6,401 फीट की ऊंचाई पर स्थित हनुमानगढ़ी न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि यहां से सूर्यास्त और आसपास के पहाड़ों का शानदार दृश्य भी दिखाई देता है. यह शांत वातावरण ध्यान और आत्मचिंतन के लिए उत्तम माना जाता है.
कैंची धाम
नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित कैंची धाम एक प्रसिद्ध आश्रम-मंदिर है. यह प्रसिद्ध संत नीम करौली बाबा से जुड़ा हुआ है. पहाड़ियों के बीच बसा यह शांत स्थान बड़ी संख्या में भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है, जिनमें विदेशों से भी कई लोग शामिल हैं. यहां नीम करोली बाबा के दर्शन करने से लोगों को सभी मनोकानाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
पाषाण देवी मंदिर
माल रोड के पास स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा के पाषाण देवी रूप को समर्पित है. अन्य प्रसिद्ध मंदिरों की तुलना में यह कम जाना जाता है, लेकिन स्थानीय लोगों के बीच इसका विशेष महत्व है और माना जाता है कि यह शहर और उसके निवासियों की रक्षा करती हैं. यह मंदिर एक चट्टान से उकेरा गया है और एकांत और चिंतन के लिए शांत वातावरण प्रदान करता है.
मुक्तेश्वर मंदिर
नैनीताल से लगभग 50 किलोमीटर दूर मुक्तेश्वर पहाड़ी पर स्थित यह भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर लगभग 350 साल पुराना माना जाता है और यहां से आसपास के हिमालयी चोटियों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है. यह भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. इसके अलावा भीमेश्वर महादेव मंदिर भीमताल में स्थित यह ऐतिहासिक मंदिर महाभारत काल का माना जाता है.