Waqf Amendment Act: केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर किया है. सुप्रीम कोर्ट से वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोई आदेश पारित किए जाने से पहले केंद्र सरकार ने सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया है. इससे पहले वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देते हुए कई दलों और संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिकाओं सहित 10 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं.
क्या होता है कैविएट
कैविएट किसी पक्षकार की ओर से हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में उस समय दाखिल किया जाता है जब यह पक्ष चाहता है कि उनकी दलीलों को सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाए. बता दें, केंद्र सरकार ने वक्फ कानून को लेकर नोटिफिकेशन आज यानी मंगलवार को जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही वक्फ कानून लागू हो गया है.
10 से ज्यादा दायर की गई हैं याचिकाएं
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सोमवार को वक्फ संशोधन एक्ट की संवैधानिक वैधता सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इसके अलावा डीएमके, AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा-ए-हिंद भी वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ याचिकाएं दाखिल कर चुके हैं.
15 अप्रैल को हो सकती है सुनवाई
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिवक्ताओं ने बताया है कि याचिकाएं 15 अप्रैल को एक पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है. हालांकि अभी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर इसको लेकर कोई जानकारी शेयर नहीं की गई है. प्रधान न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सात अप्रैल को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार करने का आश्वासन दिया था.
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