
देश के 6 राज्यों के लिए हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विभाग ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत 6 राज्यों के लिए हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कई शहरों में लू चल रही है. दिल्ली में तापमान 40 डिग्री पार कर गया है. वहीं, मंगलवार को राजस्थान के बाड़मेर में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. तापमान बढ़ने के साथ हीटवेव अपना कहर बरपा रही है. ऐसे में सवाल है कि कैसे पता कर सकते हैं कि आपके शहर में हीटवेव चल रही है या नहीं, मौसम विभाग कैसे करता है लू चलने की भविष्यवाणी.
मौसम विभाग (IMD) कहता है कि हीटवेव चल रही है या नहीं, यह तापमान के आधार पर तय किया जाता है. न्यूनतम और अधिकतम तापमान हीटवेव या लू के हालातों के बारे में बताता है.
हीटवेव चल रही या नहीं, ऐसे पता करें
हीटवेव की स्थिति मैदान और पहाड़ी इलाकों के हिसाब से अलग-अलग होती है. मौसम विभाग कहता है, मैदानी इलाकों में हीटवेव तब चलती है जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक तक पहुंच जाता है. वहीं, अगर पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री पहुंचता है तो इसे हीटवेव की स्थिति कहते हैं. भारत में ऐसे हालात के लिए हीटवेव शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन दुनिया के कई देशों में इसे हीट इंडेक्स कहते हैं.
भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई जैसे तटीय क्षेत्रों के लिए इसकी परिभाषा अलग तय की है. परिभाषा कहती है कि अगर तटीय इलाके में अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक पहुंच जाता है तो वहां हीटवेव की घोषणा की जाती है. इस तरह अपने शहर में तापमान के बारे में जानकारी हासिल करके यह जान सकते हैं वहां लू चल रही है या नहीं. इसके लिए मौसम विभाग IMD के सोशल मीडिया अकाउंट या फिर वेबसाइट के जरिए बुलेटिन डाउनलोड कर सकते हैं.
मौसम विभाग बुलेटिन जारी करता है, उसमें राज्यों और शहरों के बारे कई जानकारियां होती हैं. बुलेटिन में तापमान और ह्यूमिडिटी के आंकड़ों का जिक्र होता है.इसके अलावा भी कई अहम जानकारियां शेयर की जाती हैं.
मौसम विभाग कैसे करता है हीटवेव की भविष्यवाणी?
हीटवेव की भविष्यवाणी करने के लिए मौसम विभाग कई चीजों की एनालिसिस करता है और उसके आधार पर पहले ही यह बात बता देता है कि किन राज्यों में लू चल सकती है. मौसम विभाग इसके लिए कई मॉडल्स का प्रयोग करता है. वेदर रिसर्च फॉरकास्टिंग (WRF), ग्लोबल फॉरकास्टिंग सिस्टम (GFS), ग्लोबल एनसेंबल फॉरकास्ट सिस्टम (GEFS) समेत कई तरह के सिस्टम और मॉडल्स का इस्तेमाल हीटवेव की भविष्यवाणी के लिए किया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के तहत आती है. इसके अलावा कुछ इंटरनेशनल मॉडल्स का भी प्रयोग किया जाता है.
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