
कब मनाया जाएगा बैसाखी का पर्व? जानें सही तिथि और महत्व
Baisakhi 2025 Date: बैसाखी का पर्व देशभर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व को सिख समुदाय के लोग नए साल के रूप में मनाते हैं. पंजाब में इस पर्व की रौनक कुछ अलग ही देखने को मिलती है. इस दिन सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इस पर्व वाले दिन मेष संक्रांति भी मनाई जाती है. इसे खुशहाली और समृद्धि का पर्व कहा जाता है. कहते हैं बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी.
बैसाखी कब है?|Baisakhi 2025 Date
बैसाखी का पर्व हर साल मेष संक्रांति के अवसर पर मनाया जाता है. इस साल यह पर्व सोमवार, 14 अप्रैल को मनाया जाएगा.
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बैसाखी का सांस्कृतिक महत्व|Cultural Significance of Baisakhi
बैसाखी का पर्व विशेष रूप से नई फसल के आगमन की खुशी में मनाया जाता है. यह पर्व उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू, हिमाचल, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में लोग इसे बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते हैं. वहीं भारत के कुछ कई हिस्सों में इस पर्व को नए साल यानी सौर नव वर्ष के रूप में माना जाता है.
बैसाखी का धार्मिक महत्व|Religious significance of Baisakhi
सिख धर्म में बैसाखी का खास महत्व है. कहते हैं कि इस दिन सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा खालसा पंथ की स्थापना का प्रतीक है. कहते हैं इस दिन गुरु गोबिंद सिंह ने सभी जातियों के बीच के भेदभाव को समाप्त कर दिया था. इस अवसर पर सिख गुरुद्वारों को सजाया जाता है, विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं और नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.