मुंबई से लेकर बेंगलुरु तक करोड़ों की प्रॉपर्टी, हाई कोर्ट के आदेश पर सबसे पावरफुल IAS की होगी CBI जांच

Property worth crores from Mumbai to Bengaluru, CBI will investigate the most powerful IAS on the orders of the High CourtProperty worth crores from Mumbai to Bengaluru, CBI will investigate the most powerful IAS on the orders of the High Court

तिरुवनंतपुरम : केरल हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केएम अब्राहम के खिलाफ CBI जांच का आदेश दिया है। केएम केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के मुख्य प्रधान सचिव हैं। वे KIIFB के CEO भी हैं। पहले वे मुख्य सचिव थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आय से ज्यादा संपत्ति बनाई है।

जस्टिस के बाबू ने यह आदेश जारी किया।उन्होंने जोमोन पुथेनपुराक्कल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया।जोमोन एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं।उन्होंने तिरुवनंतपुरम के जांच आयुक्त और विशेष जज के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अब्राहम के खिलाफ उनकी शिकायत को खारिज कर दिया गया था। ये खबर आप जस्ट अभी न्यूज़ में पढ़ रहे हैं।

हाई कोर्ट ने सरकारी आदेश किया रद्द
हाई कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने CBI को अब्राहम के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। CBI की कोच्चि यूनिट इस मामले की जांच करेगी। कोर्ट ने VACB को भी इस मामले से जुड़े सारे कागजात CBI को सौंपने का निर्देश दिया है।

शिकायतकर्ता ने लगाए ये आरोप
शिकायतकर्ता जोमोन का आरोप है कि अब्राहम ने 2000 से 2015 के बीच अपनी ज्ञात आय से कहीं ज्यादा चल और अचल संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने तीन संपत्तियों का खास तौर पर जिक्र किया है। पहली, मुंबई में 3 करोड़ रुपये का एक अपार्टमेंट। दूसरी प्रॉपर्टी तिरुवनंतपुरम के Thycaud में 1 करोड़ रुपये का एक और अपार्टमेंट। तीसरी कोल्लम के Kadappakkada में 8 करोड़ रुपये का एक तीन मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स।

ठोस सबूत न होने की कही थी बात
VACB ने इस मामले में एक शुरुआती रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। इसलिए, आगे कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है। स्पेशल कोर्ट ने VACB की इस राय को मान लिया और शिकायत को खारिज कर दिया था।

हाई कोर्ट ने देखे सबूत
हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े दस्तावेजों और सबूतों को ध्यान से देखा। कोर्ट को पहली नजर में ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है कि अब्राहम ने अपनी ज्ञात आय से ज्यादा संपत्ति बनाई है। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि शुरुआती जांच के दौरान, जांच अधिकारी ने अब्राहम के अर्जित एक बड़ी अचल संपत्ति को जानबूझकर जांच की अवधि से बाहर कर दिया। इस रिपोर्ट को कानूनी अधिकारी/लोक अभियोजक और सतर्कता निदेशक ने भी सत्यापित किया था।

गृह विभाग की अब्राहम के पास
केरल हाई कोर्ट ने इस बात पर ध्यान दिया कि अब्राहम जांच के समय अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर थे। फिलहाल, वे मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के रूप में कैबिनेट रैंक के पद पर हैं। मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है, जिसके तहत सतर्कता निदेशालय काम करता है। हाई कोर्ट ने कहा कि VACB की जांच से लोगों का भरोसा नहीं जगेगा।

हाई कोर्ट ने आदेश में क्या कहा
हाई कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि राज्य सतर्कता की जांच की विश्वसनीयता संदिग्ध है। कोर्ट ने कहा कि निष्पक्ष, स्वतंत्र और विश्वसनीय जांच जरूरी है ताकि राज्य एजेंसियों की निष्पक्षता में लोगों का विश्वास बना रहे। इसलिए, कोर्ट ने आदेश दिया कि जांच CBI द्वारा की जानी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *