News Just Abhi : (property rights) संपत्ति को लेकर देशभर में कई तरह के नियम और कानून बनाए गए है। जिनकी बेहद कम लोगो को जानकारी है। आपने देखा होगा कि ससुर और दामाद का रिश्ता बाप और बेटे जैसा होता है। लेकिन क्या आप जानते है कि ससुर की संपत्ति में दामाद का कितना अधिकार होता है?
आइए आज आपकों कोर्ट के एक फैसलें के बारे में बताने जा रहे है जिसके साफ-साफ बताया गया है कि ससुर की संपत्ति में दामाद का कितना (property rights) हक होता है।
केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने अपने एक आदेश में कहा है कि दामाद अपने ससुर की संपत्ति और भवन में किसी भी कानूनी अधिकार का दावा नहीं कर सकता है। न्यायमूर्ति एन अनिल कुमार ने कन्नूर के तलीपरंबा के डेविस राफेल द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए यह आदेश जारी किया।
दरअसल डेविस राफेल ने पय्यन्नूर उप-न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें अपने ससुर हेंड्री थॉमस की संपत्ति पर उनके दावे को खारिज कर दिया गया था।
ससुर ने ट्रायल कोर्ट (trial court decision) के समक्ष एक मुकदमा दायर किया जिसमें डेविस को उसकी संपत्ति में अतिक्रमण करने या संपत्ति और घर के शांतिपूर्ण कब्जे व खुशहाली में हस्तक्षेप करने से स्थायी निषेधाज्ञा का दावा किया गया था।
हेंड्री ने थ्रीचंबरम स्थित सेंट पॉल चर्च के लिए और उसकी ओर से फादर जेम्स नसरथ द्वारा उपहार के आधार पर संपत्ति प्राप्त करने का दावा किया है उनके मुताबिक उन्होंने अपने पैसे से पक्का मकान बनाया है और वह अपने परिवार के साथ उसमें रह रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि उनके दामाद का संपत्ति पर कोई अधिकार (property rights in hindi) नहीं है।
दामाद ने तर्क दिया कि संपत्ति ही संदिग्ध है क्योंकि कथित उपहार चर्च के अधिकारियों द्वारा परिवार के लिए दिया गया था। उन्होंने हेंड्री की इकलौती बेटी से शादी की थी और शादी के बाद उन्हें व्यावहारिक रूप से परिवार के सदस्य के रूप में अपनाया गया था। इसलिए, उन्होंने कहा कि अधिकार के रूप में उन्हें घर में रहने का हक है। निचली अदालत ने माना था कि दामाद का संपत्ति में कोई अधिकार (son-in-law’s property rights) नहीं है।
हाईकोर्ट (High Court Decision) ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि दामाद को परिवार (father-in-law’s property rights ) का सदस्य मानना मुश्किल है। अदालत ने कहा, “दामाद के लिए यह दलील देना शर्मनाक है कि हेंड्री की बेटी के साथ शादी के बाद उसे परिवार के सदस्य के रूप में गोद लिया गया था।”