

Allahabad High Court News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक वकील अशोक पांडे को छह महीने जेल और 2000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वकील ने जजों के खिलाफ ओपन कोर्ट की कार्यवाही के दौरान अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस बृज राज सिंह की बेंच ने वकील पांडे से यह भी पूछा कि क्यों न उन्हें तीन साल के लिए हाईकोर्ट में वकालत करने से रोक दिया जाए।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने वकील को दोषी पाते हुए कहा, ‘इस तरह के बार-बार किए गए कदाचार से पता चलता है कि पांडे न केवल गुमराह है, बल्कि जानबूझकर इस अदालत के अधिकार को कमजोर करने के उद्देश्य से व्यवहार के एक पैटर्न में लगा हुआ है। वह कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करना जारी रखता है, अपने तरीकों की गलती को मानने से इनकार करता है।’
क्या है पूरा मामला?
यह अवमानना का मामला अगस्त 2021 का है। उस वक्त वकील अशोक पांडे बिना वकीली पोशाक के और खुले बटन वाली शर्ट पहनकर कोर्ट में पेश हुए थे। जब अदालत ने उनकी वेशभूषा पर आपत्ति जताई और बाहर जाने को कहा, तो उन्होंने कथित तौर पर जजों को गुंडा तक कह दिया। इसके बाद कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की। कोर्ट ने उन्हें कई बार जवाब देने का अवसर दिया, लेकिन अशोक पांडे ने कभी कोई जवाब नहीं दिया।
कोर्ट ने क्या कहा?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस गंभीर मामले में आरोपी के पूर्व आचरण और अदालती प्रक्रिया में हिस्सा न लेने के कारण सजा जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि अवमाननाकर्ता को छह महीने के साधारण कारावास और 2000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई जाती है। आज से एक महीने के अंदर जुर्माना अदा न करने की स्थिति में अवमाननाकर्ता को एक महीने का ज्यादा कारावास भुगतना होगा। अवमाननाकर्ता को इस फैसले की तारीख से चार हफ्ते के अंदर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर करने और यहां दी गई सजा काटने का निर्देश दिया जाता है। इस मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी। ‘रेप पीड़िता’ महिला को ही घटना के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ठहराया जिम्मेदार