News Just Abhi (Supreme Court decision) कई मामले ऐसे हो जाते हैं जिसमें पुलिस को संपत्ति जब्त करनी होती है। कई बार तो पुलिस संपत्ति पर बुलडोजर तक चलवा देती है। ऐसे बहुत सारे मामले सामने आते हैं।
वहीं अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी एक बड़ा फैसला दिया है। देश में प्रॉपर्टी की जब्ती को लेकर कुछ नियम कानून बने हुए हैं। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की ओर से संपत्ति जब्त करने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट की फैसले से जुटाए सहमति
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर सहमति जताई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि किन परिस्थितियों में पुलिस संपत्ति को जब्त नहीं कर सकती। पुलिस को कानून के दायरे में रहने की बात कही गई है। संपत्ति जब्त करने का अधिकार पुलिस को ऐसे ही नहीं है।
Supreme Court ने की ये टिप्पणी
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पुलिस की ओर से संपत्ति जब्त करने के अधिकार का एक केस पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी फैसले में स्पष्ट किया कि किसी मामले की जांच के दौरान पुलिस आरोपी की अचल संपत्ति को जब्त नहीं कर सकती है। पुलिस को ऐसा कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी आपराधिक जांच के दौरान अचल संपत्ति को जब्त नहीं किया जा सकता है।
यह है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से सुधीर वसंत कर्नाटकी बनाम महाराष्ट्र राज्य केस की सुनवाई की गई। इसके बाद कोई ने फैसला दिया। इसमें सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि पुलिस अगर जांच जारी करती है तो पुलिस को जांच जारी रहने के दौरान आरोपी की अचल संपत्ति को जब्त करने का कोई अधिकार नहीं है।
बॉम्बे हाईकोर्ट (Court) ने दिया था यह फैसला
वहीं, सुप्रीम कोर्ट से पहले मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला आया था। इसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी कहा था कि पुलिस जांच (police check) के दौरान अचल संपत्ति को जब्त नहीं कर सकती है। अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया है। कोर्ट कि ओर से बताया गया कि सीआरपीसी (CRPC) की धारा 102 में पुलिस को अवैध संपत्तियों को जब्त और कुर्क करने को काई अधिकार नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से फैसले को बदलने की मांग
महाराष्ट्र सरकार की ओर से हाई कोर्ट में केस करने के बाद इसको सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाया गया दूसरी ओर हाई कोर्ट की ओर से तर्क दिया गया कि अगर पुलिस को संपत्ति कुर्क करने के अधिकार दिए जाते हैं तो इसका दुरुपयोग होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह आदेश
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना ने आदेश को पढ़ा और बताया कि पूरी बेंच की सहमति से यह फैसला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीआरपीसी की धारा 102 की व्याख्या की गई इसमें बताया गया कि जांच के दौरान पुलिस किसी संपत्ति को जब्त नहीं कर सकती है।
संपत्ति को जब्त करने का है अधिकार
वहीं दूसरी और सीआरपीसी की धारा 102 (1) में पुलिस की जांच के दौरान आरोपी के अचल संपत्ति कोशिश करने या जब्त करने का अधिकार मिला है। संपत्ति को किसी गलत तरीके से हासिल किया है या अवैध कब्जा है तो जांच में संपत्ति जब्त हो जाएगी। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को विस्तार से व्याखित किया है।