हिंदू धर्म में शनि ग्रह का दिव्य व्यक्तित्व है. वे कर्म, न्याय, समय और प्रतिशोध के देवता माने जाते हैं. जो लोगों को उनके अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं. वे भगवान सूर्य के बेटे हैं और उनकी मां का नाम छाया है. शनि देव का रंग काला है और वे कौवे की सवारी करते हैं. वे बहुत धीरे चलते हैं, इसलिए उनका नाम शनि पड़ा है. ज्योतिष में शनि नवग्रह में से एक हैं. इन्हें सच्चे, मेहनती और ईमानदार लोगों से खुशी मिलती है और आलसी या दूसरों को दुख देने वालों से नाराज हो जाते हैं.
कैसे शुरू हुई परंपरा?
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब रावण ने अपने बल से सभी नवग्रहों को बंदी बना रखा था. तब शनिदेव को रावण ने उनके न्याय के देवता होने के कारण उन्हे बंदीग्रह में उलटा लटका कर रखा था. जब हनुमानजी माता सीता की खोज में लंका गए हुए थे तो रावण ने हनुमाजी की पूंछ में आग लगावा दी थी. तब हनुमानजी ने पूरी लंका को आग के हवाले कर दिया था. संपूर्ण लंका के जलने से सारे ग्रह तो स्वतः आजाद हो गए परंतु शनिदेव उलटे लटकाए गए थे, जिस कारण शनि देव आजाद नहीं हुए.
कई वर्षो से उल्टा लटके होने के कारण उनके शरीर में बहुत पीड़ा हो रही थी और वह दर्द से परेशान हो रहे थे. तब शनि की इस पीड़ा को शांत करने के लिए हुनमानजी ने उनके शरीर पर सरसो के तेल से मालिश की और शनिदेव को दर्द से मुक्ति मिल गई. तभी से शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा शुरु हुई.
तेल चढ़ाने पर क्या फल मिलता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से उनकी कृपा मिलती है. शनि देव से जुड़ी परेशानियां जैसे-साढ़े साती, ढैय्या आदि दूर होती हैं. जब शनि देव नाराज होते हैं, तो जीवन में दुख, डर और रुकावटें आती रहती हैं. लेकिन शनिवार को जब सरसों का तेल चढ़ाते हैं, तो वे खुश होते हैं और हमारे जीवन की मुश्किलें कम करते हैं. इससे लोगों के मन को शांति मिलती है. काम में सफलता मिलती है और बुरे ख्यालों से भी छुटकारा मिलता है. यह एक आसान तरीका है. जिससे हम शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद पा सकते हैं.
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
सरसों का तेल हमारे धर्म और संस्कृति में बहुत खास माना गया है. पुराणों में कहा गया है कि सरसों का तेल बुरी शक्तियों को दूर भगाता है, इसलिए पूजा में दीपक जलाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. सरसों के तेल से मालिश करने से शरीर मजबूत होता है, खून का संचार अच्छा होता है और सर्दी-जुकाम भी नहीं होता है. यह खाने में भी उपयोग होता है, जिससे खाना स्वादिष्ट और सेहतमंद बनता है. सरसों का तेल बालों और त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा होता है.