JNU: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में छात्रसंघ चुनाव पर देश की निगाह लगी रहती है. जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव जीतने वाले कई छात्र नेता देश की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं. जेएनयू को वैसे वामपंथी विचारधारा का गढ़ माना जाता रहा है और पिछले कई साल से इस विचारधारा से जुड़े छात्र ही चुनाव जीतते रहे हैं. लेकिन समय के साथ जेएनयू की राजनीति में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. वैसे बीते कुछ सालों में कानूनी अड़चन के कारण यह छात्रसंघ का चुनाव समय पर नहीं हाे पाया.. इस बार भी छात्रसंघ चुनाव के लिए छात्र संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे थे.
छात्रों की मांग को देखते हुए आखिरकार छात्रसंघ चुनाव 25 अप्रैल को कराने का फैसला लिया गया. नामांकन का काम मंगलवार को खत्म हो गया, 16 अप्रैल को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन रखा गया है, इसमें केंद्रीय पैनल के चार पद और अलग-अलग स्कूलों के लिए काउंसलर के लिए कई पदों के लिए चुनाव होगा. चुनाव से पहले 23 अप्रैल को कैंपस में प्रेसीडेंशियल डिबेट होगा 24 अप्रैल को किसी तरह का कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा. 25 अप्रैल को मतदान दो शिफ्ट में होगा और रात को 9 बजे बजे से मतगणना शुरू हो जायेगी. इस बार भी वाम छात्र संगठन मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शुरू किया संपर्क अभियान
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने अपने संभावित प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. एबीवीपी की ओर से इस बार थीटे शांभवी प्रमोद, अनुज दमाड़ा, कुणाल राय, विकास पटेल, राजेश्वर कांत दुबे, शिखा स्वराज, निट्टू गौतम, अरुण श्रीवास्तव तथा आकाश कुमार रवानी मैदान में हैं. नामांकन पत्रों की जांच के बाद इन्हीं नामों में से जेएनयूएसयू सेंट्रल पैनल के लिए चार नाम अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव एवं संयुक्त सचिव पदों के लिए तय होंगे. एबीवीपी के कार्यकर्ता अलग-अलग समूहों में हॉस्टल टू हॉस्टल, क्लास टू क्लास कैंपेन के माध्यम से प्रत्येक छात्र- छात्राओं तक पहुंच रहे हैं और विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र हित में किए गए पिछले 6 वर्षों के सकारात्मक, रचनात्मक व आंदोलनात्मक कार्यों से उन्हें अवगत करा रहे हैं.
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव के साथ-साथ 42 काउंसलर पदों के लिए भी चुनाव होने हैं, जो विश्वविद्यालय के 16 स्कूलों और एक विशेष कंबाइंड सेंटर में संपन्न होंगे. चुनाव प्रचार को प्रभावी और जनसंपर्क आधारित बनाने के लिए एबीवीपी ने अपना प्री-कैंपेन प्रारंभ कर दिया है, जिसके तहत संगठन के कार्यकर्ता जेएनयू के सभी हॉस्टलों एवं स्कूलों में जाकर व्यापक संवाद कर रहे हैं और एबीवीपी द्वारा किए गए कार्यों को छात्रों तक पहुंचा रहे हैं. एबीवीपी के जेएनयूएसयू चुनाव के केंद्रीय चुनाव संयोजक अर्जुन आनंद ने कहा कि जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरी तरह तैयार है.