Vat Savitri Vrat Rules: पहली बार वट सावित्री व्रत कैसे करें? पूजा विधि से नियम तक, जानें सबकुछ!

Vat Savitri Vrat Rules: पहली बार वट सावित्री व्रत कैसे करें? पूजा विधि से नियम तक, जानें सबकुछ!

पहली बार वट सावित्री व्रत कैसे करें?

Vat Savitri Vrat Kaise Kare: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है. यह व्रत पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. वट सावित्री व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस व्रत में कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, खासकर जब आप पहली बार यह व्रत रख रही हों. अगर आप पहली बार वट सावित्री व्रत रखने जा रही हैं, तो चलिए इस लेख में बताते हैं कि पहली बार वट सावित्री पूजा कैसे करें और इसके नियम क्या हैं.

2025 में वट सावित्री पूजा कब है?

हर साल ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि पर वट सावित्री व्रत रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वट सावित्री व्रत 26 मई 2025 को रखा जाएगा. ऐसे में चलिए जानते हैं वट सावित्री व्रत के नियम क्या हैं.

पहली बार वट सावित्री व्रत कैसे करें?

1. व्रत का संकल्प:- व्रत रखने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल या पीले रंग के कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें,

2. पूजा:- फिर बरगद के पेड़ की पूजा करें, उसकी जड़ में जल चढ़ाएं और उसके चारों ओर कच्चा धागा या कलावा लपेटें.

3. परिक्रमा:- पूजा करने के बाद वट पेड़ की सात बार परिक्रमा करें.

4. कथा:- वट सावित्री व्रत की कथा सुनें या पढ़ें.

5. पारण:- व्रत के बाद अगले दिन 11 भीगे हुए चने खाकर पारण करें.

वट सावित्री व्रत के नियम क्या हैं?

इस व्रत को निर्जला रखने की मान्यता है. इस दिन सोलह श्रृंगार करना चाहिए और बरगद के पत्तों की माला पहननी चाहिए. इस व्रत के बाद अपनी सास का आशीर्वाद लें. वट सावित्री व्रत के बाद फल, अनाज, कपड़ा आदि एक टोकरी में रखकर किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को दान दें.

वट वृक्ष की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए?

वट वृक्ष की हमेशा परिक्रमा घड़ी की दिशा में ही करनी चाहिए. इस दिन बरगद के वृक्ष की 7 परिक्रमा करनी चाहिए और इसमें 7 बार धागा लपेटना चाहिए.

वट सावित्री व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट सावित्री व्रत के दिन महिलाओं को आम का मुरब्बा, गुड़ या चीनी जरूर खाना चाहिए. इस दिन शिवजी को पूड़ी, चना और पूआ को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए.

वट सावित्री व्रत में क्या-क्या सामान चाहिए?

  • धूप, मिट्टी का दीपक, अगरबत्ती, पूजा की थाली
  • सिंदूर, रोली, अक्षत
  • कलावा, कच्चा सूत, बांस का पंखा, रक्षासूत्र, सवा मीटर कपड़ा
  • बरगद का फल, लाल और पीले रंग के फूल
  • काला चना भिगोया हुआ, नारियल
  • श्रृंगार सामग्री
  • पान का पत्ता, बताशा
  • वट सावित्री व्रत कथा की किताब
  • सावित्री और सत्यवान की फोटो

वट सावित्री व्रत क्यों किया जाता है?

धार्मिक मान्यता है कि वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार में सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सुख, समृद्धि, धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

वट सावित्री के दिन क्या दान करना चाहिए?

वट सावित्री के दिन महिलाओं को सुहान का सामान दान करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि वट सावित्री के दिन सुहाग का सामान दान करना शुभ होता है और इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

वट सावित्री व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?

वट सावित्री व्रत के दिन तामसिक चीजें जैसे मांस, मछली, प्याज, लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन सिर्फ सात्विक भोजन करना चाहिए.

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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