
Vikat Sankashti Chaturthi 2025Image Credit source: unsplash
Vikat Sankashti Chaturthi Significance: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है. यह व्रत संकष्टी चतुर्थी जिसे संकटनाशक चतुर्थी भी कहा जाता है, विशेष रूप से “विकट संकष्टी के रूप में मनाया जाता है, जब यह चतुर्थी माघ महीने में पड़ती है और विशेष ज्योतिषीय योग बनते हैं.मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है. इस व्रत के प्रभाव से भक्तों को ज्ञान, स्वास्थ्य, धन और सुख की प्राप्ति होती है. इस साल विकट संकष्टी चतुर्थी पर बुधवार का संयोग है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब रहेगा और इस दिन का महत्व क्या है?
विकट संकष्टी चतुर्थी कब है?| Vikat Sankashti Chaturthi 2025 date
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 16 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रोदय के समय पूजा की जाती है, इसलिए 16 अप्रैल को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. इस दिन पूजा का समय सुबह 5 बजकर 55 मिनट से से सुबह 9 बजकर 8 मिनट तक रहेगा.
विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि | Vikat Sankashti Chaturthi Puja Vidhi
सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. घर और पूजा स्थान को साफ-सुथरा रखें. भगवान गणेश का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. एक पवित्र चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.भगवान गणेश को गंगाजल मिश्रित जल से अभिषेक करें.उन्हें हल्दी-कुमकुम का तिलक करें और पीले या लाल वस्त्र अर्पित करें. पीले फूलों की माला और दूर्वा घास चढ़ाएं. भगवान गणेश को मोदक या तिल-गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं. फल और नारियल भी अर्पित करें. भगवान गणेश का ध्यान करें और “ॐ गं गणपतये नमः” या “ॐ वक्रतुण्ड महाकाय” मंत्र का 108 बार जाप करें. संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें. भगवान गणेश की आरती करें. शाम को चंद्रमा निकलने पर उसका दर्शन करें और उसे अर्घ्य दें. पूजा के बाद भोग को परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों में वितरित करें. चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य के बाद व्रत खोलें.
विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व | Vikat Sankashti Chaturthi significance
यह व्रत विघ्नों को दूर करने और मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए किया जाता है. भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है. इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और शक्ति मिलती है. मान्यता है कि विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. यह व्रत करने से भक्तों को भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उनका कल्याण होता है और वे हर प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.