फसलें और नस्लें बर्बाद होंगी…पानी बंद होते ही फड़फड़ाया पाकिस्तान, पाक में मची चीख पुकार

Crops and generations will be ruined... Pakistan was shaken as soon as water supply was stopped, there was hue and cry in Pakistan over ChenabCrops and generations will be ruined... Pakistan was shaken as soon as water supply was stopped, there was hue and cry in Pakistan over Chenab

India Pakistan Tension: भारत ने सिंधु जल संधि रद्द करने के बाद अभी शुरुआती कदम ही उठाए हैं, लेकिन इतने पर ही पाकिस्तान तड़पने लगा है. उसने चेनाब नदी का प्रवाह कम होने से भारी नुकसान होने की आशंका जताई है.भारत की वॉटर स्ट्राइक से पाकिस्तान फड़फड़ाने लगा है, उसे फसलें और नस्लें बर्बाद होने का डर सता रहा है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि चिनाब नदी का पानी रोका गया है और पाक की तरफ पानी कम हो गया है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया था.

चेनाब नदी में जल प्रवाह कम
पाकिस्तान में सिंधु जल संधि से जुड़ी सलाहकार समिति IRSA ने भी माना है कि चेनाब नदी में जल प्रवाह कम हो गया है. इससे पाकिस्तान में खेती-किसानी के लिए संकट पैदा हो सकती है.सिंचाई के पानी में 21 फीसदी तक कमी होगी, इससे खरीफ फसलों खासकर चावल को भारी नुकसान होगा और लाखों लोगों पर संकट आ सकता है.उसने आगाह किया कि मई से सितंबर के बीच जल संकट पैदा होगा. पाकिस्तान को इन चार महीनों के पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा.

चेनाब पर बगलिहार बांध बंद होने की खबरें
बगलिहार और सलाह बांध के गेट बंद होने के बाद जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में पानी का प्रवाह काफी कम हो गया है. हालांकि भारत की ओर लोगों में इससे खुशी है. स्थानीय निवासी कल्याण सिंह ने कहा, पहले चेनाब में पानी 25-30 फीट की ऊंचाई तक बहता था, जो अब बमुश्किल डेढ़ दो फीट रह गया है. हम एक बूंद भी पाकिस्तान नहीं जाने देना चाहते.

किशनगंगा बांध पर भी नजर
इससे पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत में चेनाब का जल प्रवाह घट गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत ने झेलम नदी पर बने किशनगंगा डैम के गेट भी बंद किए तो हालात और गंभीर जाएंगे और पाकिस्तान घुटने टेकने को मजबूर होगा. भारत के इस कदम से जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में बिजली उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है.साथ ही पंजाब औऱ जम्मू क्षेत्र में सिंचाई की स्थिति और बेहतर होगी.

पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी
पाकिस्तान का दो तिहाई हिस्सा झेलम-चेनाब और सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है. पीने के पानी से लेकर सिंचाई तक उसकी करोड़ों की आबादी के लिए ये जीवन रेखा है. चेनाब में पानी का बहाव घटने से गर्मी के महीनों में भारी जल संकट पैदा हो सकता है. पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर गेहूं चावल की फसल इसी पानी पर निर्भर है. किशनगंगा बांध झेलम और नीलम घाटी में जलापूर्ति के लिए.ये चेक प्वाइंट है.पाकिस्तान इस नदी के पानी से बिजली उत्पादन करने के साथ शहरी आबादी तक पानी पहुंचाता है.पानी घटा तो जल विद्युत परियोजनाएं ठप पड़ सकती हैं. शहरों में बिजली कटौती से अंधेरा छा सकता है

सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब का और भारत को रावी, ब्यास औऱ सतलुज के पानी के इस्तेमाल का अधिकार मिला है. सिंधु-झेलम और चेनाब का जल प्रवाह भारत से पाकिस्तान की ओर जाता है.

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