नई दिल्ली: प्रयागराज के गंगापार क्षेत्र में स्थित सिकंदरा गांव में रविवार को रामनवमी के अवसर पर एक विवादित घटनाक्रम सामने आया। महाराजा सुहेलदेव संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सिकंदरा में स्थित एक दरगाह पर भगवा झंडा फहराया और नारेबाजी की। बताया जा रहा है कि 20 से अधिक युवक बाइक रैली के माध्यम से दरगाह तक पहुंचे थे।
भगवा झंडा लहराया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक दीवार के सहारे चढ़कर दरगाह की छत तक पहुंचे और वहां भगवा झंडा लहराते हुए ‘ॐ’ लिखा हुआ झंडा फहराया। इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व मनेंद्र प्रताप सिंह नामक व्यक्ति ने किया, जो खुद को भाजपा और संघ से जुड़ा हुआ बताता है। साथ ही वह पूर्व में एक छात्र नेता और करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुका है।
इस घटना से जुड़ी जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सिकंदरा में बनी यह मजार अवैध रूप से बनाई गई है और यह स्थान पहले एक प्राचीन हिंदू मंदिर स्थल था। उनका दावा है कि यहां पहले शिवकंद्रा वाले महादेव, सती और बड़े पुरुख का मंदिर था, जिसे हटाकर मजार बनाई गई। संगठन की ओर से प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है कि इस मजार को हटाकर पुनः हिंदू मंदिर की स्थापना की जाए और इस क्षेत्र को धार्मिक आस्था के अनुरूप विकसित किया जाए।
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दरगाह पर ताला लगा दिया गया
प्रशासन के अनुसार, 24 मार्च को विवाद को देखते हुए दरगाह पर ताला लगा दिया गया था और मई में लगने वाले सालाना मेले पर भी रोक लगा दी गई थी। हालांकि बाद में दरगाह प्रबंधन की ओर से एक वीडियो जारी किया गया जिसमें बताया गया कि ताला सिर्फ मरम्मत कार्य के चलते लगाया गया था और प्रवेश पर कोई स्थायी रोक नहीं है। घटना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची, लेकिन प्रदर्शनकारी तब तक वहां से जा चुके थे। प्रशासन मामले की जांच कर रहा है।
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