BJP को ₹2243.947 करोड़, तो कांग्रेस को…इन पांच राज्यों ने पिछले साल दिया सबसे ज्यादा चंदा

BJP got ₹2243.947 crores, while Congress got ₹2243.947 crores...these five states gave the highest donations last yearBJP got ₹2243.947 crores, while Congress got ₹2243.947 crores...these five states gave the highest donations last year

Political Donations: चुनाव निगरानी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि भारत के पांच नेशनल सियासी पार्टियों को 2023-24 में 12,547 डॉनर्स ने 2544.278 करोड़ रुपये का योगदान दिया. किस राज्य ने सियासी पार्टियों को सबसे ज्यादा दान दिया? एडीआर ने भारत के चुनाव आयोग को दी गई दान रिपोर्ट में पार्टियों द्वारा दिए गए पते के आधार पर राज्यों के अनुसार डोनेशन को अलग किया. तो चलिए जानते हैं…

बीजेपी

इसमें से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 2023-24 में ₹20,000 या उससे ज़्यादा की राशि में ₹2,243.947 करोड़ का दान मिला. राजनीतिक दलों द्वारा भारत के चुनाव आयोग (ईसी) को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, यह राशि विपक्षी कांग्रेस पार्टी (1994 में ₹281.48 करोड़ दान) द्वारा इकट्ठी की गई राशि से करीब सात गुना ज्यादा है.

छह नेशनल पार्टियां

भाजपा और कांग्रेस के अलावा, चार नेशनल सियासी पार्टियों में आम आदमी पार्टी (आप), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) शामिल हैं. जबकि छठी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने घोषणा की कि उसे वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ₹20,000 से ज्यादा का दान नहीं मिला.

दिल्ली

दिल्ली ने सबसे ज्यादा सियासी पार्टियों को डोनेशन दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली ने साल 2023-24 में नेशनल पार्टियों को ₹989.20 करोड़ का दान दिया. इसके बाद गुजरात से ₹404.512 करोड़ और महाराष्ट्र से ₹334.079 करोड़ का डोनेशन मिला. वहीं, तमिलनाडु से ₹142.7 करोड़ और तेलंगाना से ₹112.9 करोड़ का सियासी पार्टियों को दान मिला.

AAP
वहीं, अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 2023-24 में नेशनल पॉलिटिकल पार्टी को लगभग ₹554.7 करोड़ का डोनेशन दिया. एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के एक दानकर्ता से AAP ( आम आदमी पार्टी ) को ₹7000 का दान मिला है.

एडीआर की रिपोर्ट

एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टियों द्वारा दी गई अधूरी/अघोषित जानकारी की वजह से कुल 6.062 करोड़ रुपये की राशि किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को नहीं दी जा सकी.

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