5 बार नसबंदी, ढाई साल में 25 बार बनी मां; आगरा की महिला की गजब कहानी

Sterilization 5 times, became mother 25 times in two and a half years; Amazing story of a woman from AgraSterilization 5 times, became mother 25 times in two and a half years; Amazing story of a woman from Agra

आगरा: यूपी के आगरा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।जहां एक महिला ने पांच बार नसबंदी करवाई लेकिन वह ढाई साल में 25 बार मां बनी।इतना ही नहीं महिला को 45 हजार रुपये का भुगतान भी किया गया था। ये खबर आप जस्ट अभी न्यूज़ में पढ़ रहे हैं। दरअसल ऐसा जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना में घोटाले के कारण हुआ।

इस चौंकाने वाले मामले का खुलासा तब हुआ जब स्वास्थ्य विभाग ने आगरा के सीएचसी फतेहाबाद का नियमित ऑडिट कराया। ऑडिट टीम के होश तब उड़ गए जब कागजात पर एक महिला के नाम पर 25 डिलवरी और पांच बार नसबंदी करना दिखाया गया। यहां तक कि उसे 45 हजार रुपये भी दिए गए थे। इसके पीछे एक दलाल का नाम सामने आया। यही व्यक्ति महिलाओं के खाते खुलवाता है। नाम, पता, खाता नंबर महिलाओं के होते हैं लेकिन उनमें मोबाइल नंबर दलाल का होता है। जब लाभार्थी के खाते में पैसे आते हैं तो अलर्ट आने पर दलाल खुद निकाल लेता है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 का आडिट किया गया है। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी में घोटाला उजागर हुआ है। सीएचसी फतेहाबाद के आडिट में टीम को कई बार सिकरारा की रहने वाली लाभार्थी कृष्णा कुमारी का रिकार्ड मिला। इसमें बीते ढाई सालों में उसके 25 बार प्रसव और पांच नसबंदी दिखाई गई हैं। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी हुई तो सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने जांच बिठाई।

मंगलवार को वे टीम के साथ सीएचसी फतेहाबाद पहुंचे। कृष्णा कुमारी से पूछताछ में पता चला कि वह खाता ही नहीं चलाती। एक व्यक्ति ने कई साल पहले उसका खाता खुलवाया जरूर था। उसे कभी-कभार तेल, रिफायंड और अनाज आदि दे जाता है। जांच के दौरान खाते से अटैच नंबर भी कृष्णा कुमारी का नहीं निकला। वह इसी संदिग्ध दलाल का है।

हर ब्लॉक के टॉप-5 की जांच
विभाग ने मामले के लिए कमेटी बना दी है। कमेटी हर ब्लॉक के टॉप-5 लाभार्थियों की जांच करेगी। उन्हें सरकार की किस योजना में कब और कितना पैसा मिला है। सभी का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इससे अन्य योजनाओं में भी फर्जीवाड़े की पोल खुल जाएगी। भुगतान लटकने की स्थिति में दो बार एंट्री दिख सकती है। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जांच में सामने आया है कि महिला इस फर्जीवाड़े से पूरी तरह अनजान है। एक दलाल का नाम सामने आया है। उसके साथ विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है। इसकी जांच की जा रही है। हर ब्लाक के टॉप-5 लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।

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