भविष्य में भारत में एक विनाशकारी भूकंप की आशंका लगातार गहराती जा रही है। भूगर्भीय विशेषज्ञों का कहना है कि अब सवाल यह नहीं है कि भूकंप आएगा या नहीं, बल्कि यह है कि कब आएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, भारत के उत्तर भारत में 8.0 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप किसी भी समय दस्तक दे सकता है, जो बड़े पैमाने पर तबाही ला सकता है।
शक्तिशाली भूकंप आने की संभावना
प्रसिद्ध अमेरिकी भूभौतिकीविद् रोजर बिलहम ने चेतावनी दी है कि हिमालय क्षेत्र में बड़ी तीव्रता वाले भूकंप लंबे समय से नहीं आए हैं, जो इस खतरे को और बढ़ा देता है। उन्होंने बताया कि भारत की प्लेट हर सदी में तिब्बत के दक्षिणी किनारे से करीब 2 मीटर खिसकती है, लेकिन इसका ऊपरी किनारा लंबे समय तक रुका रहता है और फिर एक झटके में खिसक जाता है, जिससे शक्तिशाली भूकंप आते हैं।
59% हिस्सा भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है
भारत का करीब 59% हिस्सा भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है।लगभग 300 मिलियन लोग लंबे समय तक हिंसक झटकों के संपर्क में रहेंगे।” उत्तराखंड, हिमाचल, बिहार, पूर्वोत्तर राज्य और यहां तक कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता भी खतरे की सीमा में आते हैं। दिल्ली भूकंपीय जोन IV में स्थित है, जहां एक बड़ा भूकंप हजारों । भारत में इमारतें और बुनियादी ढांचे भूकंप के लिए तैयार नहीं हैं। अस्पताल, स्कूल, पुल और अन्य सार्वजनिक इमारतें भूकंप रोधी मानकों को अक्सर पूरा नहीं करतीं। जापान और चिली जैसे देशों ने सख्त भवन कोड और आपदा प्रतिक्रिया तंत्र विकसित किए हैं, लेकिन भारत अब भी इस दिशा में पीछे है।
बिल्डिंग कोड को सख्ती से लागू करे
विशेषज्ञों का मानना है कि अब समय है कि भारत न सिर्फ बिल्डिंग कोड को सख्ती से लागू करे, बल्कि लोगों को जागरूक भी करे। स्कूलों में भूकंप से सुरक्षा की शिक्षा, अपार्टमेंट और दफ्तरों में रिहर्सल और हर घर में आपातकालीन किट होना अनिवार्य किया जाए। अगर तैयारी नहीं की गई, तो अगला बड़ा भूकंप लाखों जिंदगियों को प्रभावित कर सकता है। अब चेतावनी को गंभीरता से लेने और ठोस कदम उठाने का वक्त आ गया है।
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