प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकोहपुर जमीन मामले में कांग्रेस नेता और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को दोबारा पूछताछ के लिए समन जारी किया है। ये खबर आप जस्ट अभी न्यूज़ में पढ़ रहे हैं। वाड्रा को इस बार 15 अप्रैल को ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।इससे पहले 8 अप्रैल को भी उन्हें बुलाया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे।
जांच एजेंसी को संदेह है कि यह सौदा मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। इस मामले की जांच ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कर रही है। बताया जा रहा है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ जमीन खरीदी थी। यह जमीन उन्हें करीब 7.50 करोड़ रुपये में कॉलोनी विकसित करने के उद्देश्य से मिली थी।
2008 का है मामला
यह मामला वर्ष 2008 का है, जब हरियाणा की सत्ता में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी। उस समय हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी थी। लेकिन आरोप है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने कॉलोनी निर्माण की जगह इस जमीन को साल 2012 में डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को करीब 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। इस सौदे से कंपनी को करोड़ों का लाभ हुआ, जबकि जमीन बेहद कम कीमत पर सरकार से प्राप्त की गई थी।
लाइसेंस ट्रांसफर कैसे किया गया
बड़ा सवाल यह है कि जिस जमीन का विकास कार्य नहीं हुआ, उसका लाइसेंस ट्रांसफर कैसे किया गया, जबकि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने इस पर अंतिम अनुमति भी नहीं दी थी। ईडी अब इस पूरे सौदे की परतें खोलने में जुटी है। जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस जमीन सौदे के जरिए अवैध रूप से धन का लेन-देन हुआ और मनी लॉन्ड्रिंग की गई। आने वाले दिनों में रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
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