यूनुस को अपनों से मिला अल्टीमेटम, कातिलों को जल्द ढूंढो, वरना सरकार गिरा देंगे!


Bangladesh Inqilab Moncho threatens Interim Government: बांग्लादेश में इंकलाब मंचो के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भयानक हिंसा हुई. इसका सबसे बड़ा निशाना बांग्लादेशी मीडिया बना. दो बड़े समाचार संस्थानों की बिल्डिंग को प्रदर्शनकारियों ने आग लगाकर खाक कर दिया. हालांकि अब तक हादी के हत्यारों का पता नहीं लग पाया है. बांग्लादेश में ‘जुलाई विद्रोह’ के दौरान उभरे प्रमुख मंचों में से एक इंकलाब मंचो (Inqilab Moncho) ने सोमवार को चेतावनी दी कि यदि उसके संयोजक उस्मान हादी की हत्या में न्याय नहीं मिला, तो वह देश की मौजूदा अंतरिम सरकार को हटाने के लिए एक बड़े जन आंदोलन की शुरुआत करेगा.

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चेतावनी संगठन के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने सोमवार को शहीद हादी चत्तर पर आयोजित एक आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी. इंकलाब मंचो ने शनिवार को हादी की अंतिम नमाज के बाद 24 घंटे का अल्टीमेटम जारी किया था, लेकिन आरोप लगाया कि तय समय सीमा खत्म हो जाने के बावजूद बांग्लादेश के गृह सलाहकार या संबंधित अधिकारियों की ओर से हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. जाबेर ने यह भी दावा किया कि गृह सलाहकार या उनके विशेष सहायक का मंत्रालय की ब्रीफिंग में मौजूद न होना इस गंभीर घटना को लेकर सरकार की गैर-गंभीरता को दर्शाता है.

‘स्पीडी ट्रायल ट्रिब्यूनल’ गठित करने की मांग
अब्दुल्ला अल जाबेर ने आरोप लगाया कि गृह और कानून सलाहकार तथा अन्य संबंधित लोग अपनी जिम्मेदारियों की अनदेखी कर रहे हैं और जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रहे हैं. अंतरिम सरकार के सामने कई मांगें रखते हुए इंकलाब मंचो के नेता ने हत्या के मामले की सुनवाई के लिए तुरंत एक ‘स्पीडी ट्रायल ट्रिब्यूनल’ गठित करने की मांग की. साथ ही उन्होंने जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एफबीआई या स्कॉटलैंड यार्ड जैसी अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों की मदद लेने का सुझाव भी दिया.

एजेंसियां अपराधियों की पहचान करने में नाकाम
देश की खुफिया एजेंसियों की आलोचना करते हुए जाबेर ने उनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जनता के पैसे से चलने वाली एजेंसियां अपराधियों की पहचान करने में नाकाम रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने सिविल और सैन्य खुफिया तंत्र के भीतर मौजूद, उनके शब्दों में, “अवामी सहयोगियों” की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की. अंतरिम सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए जाबेर ने कहा कि आगामी चुनाव से पहले न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए, अन्यथा हालात बेकाबू हो सकते हैं.

इंकलाब मंचो विरोध जुलूस निकालेगा
जाबेर ने घोषणा की कि इंकलाब मंचो एक विरोध जुलूस निकालेगा, जिसके दौरान संगठन अपने अगले कदमों की घोषणा करेगा. इसमें यह भी तय किया जाएगा कि वह अंतरिम सरकार को समर्थन जारी रखेगा या उसे गिराने के लिए आंदोलन शुरू करेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि उस्मान हादी के हत्यारों और उन्हें संरक्षण देने वालों को न्याय के कटघरे में लाने तक इंकलाब मंचो सड़कों पर बना रहेगा.

उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या
उस्मान हादी पिछले साल के ‘जुलाई विद्रोह’ के प्रमुख चेहरों में से एक थे. इस संगठन के विरोध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार का पतन हुआ. उस्मान हादी आने वाली 12 फरवरी को बांग्लादेश चुनाव में ढाका-8 से चुनाव प्रचार की तैयारी कर रहे थे. ये खबर आप जस्ट अभी में पढ़ रहे हैं। इसके लिए वे बिजयनगर इलाके में प्रचार के लिए निकले थे. इसी दौरान शरीफ उस्मान हादी को 12 दिसंबर को रिक्शा से यात्रा करते समय बेहद करीब से गोली मारी गई थी. 15 दिसंबर को उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस के जरिए सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया.

हादी की मौत के बाद अंतरिम सरकार की घोषणाएं
उनकी मौत के बाद ढाका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जहां इंकलाब मंचो के समर्थकों ने अपने मारे गए नेता के लिए न्याय की मांग की. इसके बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने शनिवार, 20 दिसंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की. उन्होंने सरकार की ओर से हादी के परिवार का खर्च उठाने का ऐलान किया. साथ ही प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि हादी के कातिल जल्द पकड़े जाएंगे. पहले प्रदर्शनकारियों ने हादी की मौत का आरोप भारत पर लगाया था, क्योंकि हादी भारत विरोध के लिए भी काफी प्रसिद्धि पा रहे थे. हालांकि बाद में बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि उसके कातिलों का भारत से कोई संबंध नहीं है. वे उनकी तलाश कर रहे हैं.

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